कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं , कह देना की कोई ख़ास नहीं ..
एक दोस्त है कच्चा-पक्का सा..
एक झूठ है आधा सच्चा सा..
जज़्बात के मन में एक पर्दा सा..
बस एक बहाना अच्छा सा..
जो पास हो कर भी पास नहीं,
जिससे छुपा कोई राज़ नहीं.
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं , कह देना की कोई ख़ास नहीं ..
(Adopted)
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